'यहां पेशाब करना मना है', 'देखो गधा मूत रहा है' या 'यहां मत मूत गधे के पूत' जैसे वाक्य आपको विभिन्न दीवारों पर लिखे नजर आ सकते हैं. लेकिन दीवारों को गंदा होने से बचाने के लिये ये वाक्य कितने कारगर एवं प्रभावी साबित होते हैं? इस सब के बावजूद अधिकांश लोग साफ-सुथरी दीवारों आदि पर पेशाब करने या पान खाकर थूकने से परहेज नहीं करते. ऐसे लोगों से निपटने के लिये कुछ संगठनों एवं भवन मालिकों ने अपनी बाहरी दीवारों पर हिन्दू देवी-देवताओं का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
राजधानी दिल्ली में दीवारों को पेशाब एवं थूक से बचाने के लिये ऐसी दीवारों पर देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी देखी जा रही हैं. मेहरौली-बदरपुर रोड पर स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) कार्यालय की दर्जनों मीटर लंबी बाउंडरी को पान खाकर थूकने वालों एवं पेशाब करने वालों से बचाने के लिये इस पर कई देवी-देवताओं की तस्वीरें लगाई गई हैं और यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी हो रहा है. ITBP कार्यालय की विशाल बाउंडरी बिल्कुल साफ-सुथरी दिखती है. लोगों में यह धारणा व्याप्त है कि देवी-देवताओं की तस्वीरों, मूर्तियों, पीपल के पेड आदि के पास पेशाब करने या थूकने से उनका अहित हो सकता है और इसी भय से लोग इन स्थलों को गंदा करने से परहेज करते हैं.
गौरतलब है कि यह प्रयोग दिल्ली में कई जगह अपनाया जाने लगा है. दीवारों को गंदा होने से बचाने के लिये कई भवन मालिकों ने इन पर देवी-देवताओं की तस्वीरों वाली टाइल्स लगवाई हैं. जाहिर है यह उपाय अनोखा जरूर लग सकता है लेकिन इससे दीवारों को पेशाब एवं थूक से बचाने में काफी मदद मिल रही है.
Sunday, October 7, 2007
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1 comment:
ये आपने बहुत अचछी खबर पढाई । ऐसा कुठ हो जाय तो क्या अचछा हो ।इसके लिये बधाई ।
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